STEM Education in India : आज की इस लेख में हम जानेंगे कि एसटीईएम stem education के बारे में की यह सबसे पहले कहां लागू हुई थी ,और यह किस तरह हमारे भारत (Stem education in india) जैसे देश में यह एक नए विचारों के साथ यहां पर आई और एक नए दिशाओं का विचार का भावनाएं दे रही हैं। एसटीईएम (stem education in india), आप सभी के मन में यह विचार जरूर आया होगा कि एसटीईएम शिक्षा होती क्या है तो आईए जानते हैं।
STEM का पूरा नाम ? Full Form of STEM Education
S = Science विज्ञान
T = Technology प्रौद्योगिकी
E = Engineering इंजीनियरिंग
M= Mathmatics गणित
Stem education विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित के विचार यूएसए(USA ) नेशनल साइंस फाउंडेशन(NFS) द्वारा सन् 2001 में प्रस्तुत की गई थी। नेशनल साइंस फाउंडेशन जो इन्हें चारों विषयों का एकीकृत समायोजन को विचारों को प्रस्तुत की है।
STEM माता-पिता और शिक्षकों के लिए यह कैसे मार्गदर्शन प्रदान करेगा। How Stem education in india is beneficial for parents and teachers
STEM Education system किस तरह से और कि विचारों से यह माता-पिता और शिक्षकों के लिए एक राह बन सकता है जो कि विद्यार्थियों के जीवन में बच्चों के जीवन में एक नए करियर का ऑप्शन बना सकता है और उन विद्यार्थियों और उन बच्चों तक एक व्यवहारिक ज्ञान देगा । शिक्षक हमेशा विद्यार्थियों के लिए प्रिय होते हैं जो कि विद्यार्थियों को एक नए सपने, एक नए विचार और एक नए ज्ञान का मार्गदर्शन प्रदान करते हैं ,और शिक्षक हमेशा विद्यार्थी के लिए उपस्थित होते हैं ।
शिक्षक के द्वारा हमारे जो भावी युवा पीढ़ी हैं ,वह एक समाज में नए विचारों को प्रकट कर रही हैं, नए-नए वैज्ञानिक दृष्टिकोण से नई-नई चीजों का अध्ययन कर रही है और इन सब में अगर शिक्षक के पास एसटीईएम stem education जैसी परियोजना का ज्ञान होगा तो यह बिल्कुल भी असंभव नहीं है, इस परियोजना का लाभ न मिले क्योंकि अगर शिक्षक वैज्ञानिक दृष्टिकोण से प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग, गणितीय तौर पर बच्चों को हर एक बातों को इस तरह प्रकट करें विद्यार्थियों को एक व्यवहारिक क्रियाकलापों से उन चीजों को सिखाएं जो की एसटीईएम stem education परियोजना के द्वारा ही संभव है। माता-पिता का यह दायित्व होता है कि वह बच्चों को एक दृष्टिकोण से नई-नई चीजों का ज्ञान दें क्योंकि बच्चे सबसे ज्यादा समय माता-पिता के साथ बिताते हैं।
और माता-पिता अगर stem education in india जैसी शिक्षा पद्धति से जुड़े होंगे तो यह संभव है कि एसटीईएम जैसी योजना का सफल होना तय है माता-पिता अगर बच्चों को यह सीखने की इस एसटीईएम की परियोजना उनके लिए उनके भविष्य के लिए किस तरह से यह उनकी मदद करेगा।
शिक्षक और माता-पिता शामिल हो Stem education in india
एमटीईएम शिक्षा पद्धति Stem education in india को अगर और अधिक जागरूक करना है तो इसमें सबसे ज्यादा जरूरी है शिक्षक और माता-पिता को शामिल होना आवश्यक है ,क्योंकि अगर माता-पिता और शिक्षा का एमटीईएम जैसी परियोजना में शामिल होंगे तो बच्चे कहीं ना कहीं इस पर रोचकता दिखाएंगे। बच्चों का बौद्धिक विकास के साथ-साथ मानसिक विकास भी होगा और शिक्षक के मदद से विद्यार्थी कई नई प्रयोगात्मक चीजों को सीख सकते हैं।
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Stem education in india का निष्कर्ष -
एसटीईएम परियोजना ( stem education in India ) के कारण भारत के युवा पीढ़ी को भविष्य में और वह आयामों को ठीक प्रकार से समझ सकते हैं और तकनीकी के इस दौर में तकनीक से जुड़े हर प्रकार के सवालों का जवाब और उसको व्यवहारिक रूप से किस प्रकार प्रस्तुत करना है यह एसटीईएम शिक्षा पद्धति stem education ही मदद कर सकती है तो हर एक योजना का सबसे पहले सफलता यही होता है कि उसे ज्यादा से ज्यादा जागरूक को बनाएं और लोगों तक पहुंचाएं फिर मिलते हैं एक नए लेख के साथ तब तक अपना ध्यान रखिए और लोगों तक यह बातें पहुंचाए |