Baudh dharm kya hai : पूरी दुनिया में हर एक प्रकार का धर्म पाया जाता है और हमारे भारत देश में विभिन्न प्रकार के धर्म है उनमे से Baudh Dharm भी सबसे महत्वपूर्ण होता है बौद्ध धर्म विश्व का चौथा सबसे बड़ा धर्म है । आईए जानते हैं कि बौद्ध धर्म के बारे में –
Baudh dharm kya hai ?
बौद्ध धर्म के संस्थापक गौतम बुद्ध जी को माना जाता है इन्हीं के द्वारा बौद्ध धर्म की स्थापना की गई थी। गौतम बुद्ध का जन्म 563 ईसवी पूर्व लुंबिनी वर्तमान समय में नेपाल में हुआ था। गौतम बुद्ध को एशिया का प्रकाश ( light of Asia ) कहा जाता है।
गौतम बुद्ध से संबंधित महत्वपूर्ण तथ्य ?
- गौतम बुद्ध के बचपन का नाम सिद्धार्थ था।
- गौतम बुद्ध के पिता का नाम राजा शुद्धोधन था। गौतम बुद्ध के पिता जो शाक्य कबीले के प्रमुख थे।
- इनकी माता का नाम महामाया था।
- इनको पालने वाली माता प्रजापति गौतमी थी।
- गौतम बुद्ध की शादी 16 वर्ष की उम्र में हो गई थी
- उनकी पत्नी का नाम यशोधरा था।
- गौतम बुद्ध के पुत्र का नाम राहुल था।
- गौतम बुद्ध के घोड़े का नाम कंथक था।
- गौतम बुद्ध के साथ उनका एक सारथी था। जो उन्हें बाहर भ्रमण के लिए ले जाता था जिसका नाम चन्ना था।
गौतम बुद्ध सन्यास क्यों लिए ?
![Baudh dharm kya hai : जानिए क्या है बौद्ध धर्म का इतिहास और बौद्ध धर्म से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्य ! Best Explained 2 baudh dharma](https://truelyindia.com/wp-content/uploads/2024/01/baudh-dharma-1024x576.jpg)
गौतम बुद्ध की चार बड़े महत्वपूर्ण घटना जिसको देखकर वह संन्यास जीवन ग्रहण किए थे।
- गौतम बुद्ध ने अपने सारथी चन्ना के साथ राजमहल के बाहर घूमने गए थे घूमते घूमते उन्होंने सबसे पहले एक वृद्ध व्यक्ति को देखें।
- दूसरी घटना में एक बीमार व्यक्ति दिखा।
- तीसरा घटना वह घूमते वक़्त मृत व्यक्ति को देखे।
- चौथा घटना उनका सन्यास लेना था।
- सिद्धार्थ इन चारों चीजों को देख उनका मन पूरी तरीके से बदल गया और उन्होंने 29 वर्ष की आयु में गृह-त्याग कर दिया ।
- गृह-त्याग करने के बाद वह अपने पहले गुरु अलार कलाम से मिले ।
- अलार कलाम से शिक्षा लेने के बाद उनकी दूसरे गुरु रुद्रक रामपुत्र से शिक्षा ग्रहण किए।
बुद्ध जी को ज्ञान की प्राप्ति ?
बुद्ध जी को ज्ञान की प्रति 35 साल की उम्र में बोधगया (वर्तमान में बिहार ) पीपल वृक्ष के नीचे निरंजना नदी/फल्गु के तट पर ज्ञान प्राप्त हुआ था।
बुद्ध जी को ज्ञान प्राप्ति से पहले नाम सिद्धार्थ था। और ज्ञान प्राप्त करने के बाद उनका नाम बुद्ध से जाना जाने लगा।
बुद्ध जी के चार आर्य सत्य जो बुद्ध जी को ज्ञान प्राप्ति में मिला : -
- दुख अर्थात संसार दुःखमय है।
- दुख समुदाय अर्थात दुखों का कारण भी है।
- दुख निरोध अर्थात दुखों का अंत संभव है।
- दुख निरोध मार्ग अर्थात दुखों के अंत का एक मार्ग है।
गौतम बुद्ध जी की मृत्यु ?
![Baudh dharm kya hai : जानिए क्या है बौद्ध धर्म का इतिहास और बौद्ध धर्म से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्य ! Best Explained 3 Baudh dharm](https://truelyindia.com/wp-content/uploads/2024/01/Baudh-dharm-1024x576.jpg)
गौतम बुद्ध जी की मृत्यु यानी कि महापरिनिर्वाण कुशीनगर (वर्तमान उत्तर प्रदेश) में हुआ था।
बुद्ध जी के महापरिनिर्वाण यानी मृत्यु के बाद एक बड़ी चुनौती यह आई कि उनकी शिक्षा को किस प्रकार से संकलित किया जाए। इसी को ध्यान में रखते हुए उनकी शिक्षाओं को पिटक में संग्रहण करने हेतु चार बौद्ध संगीतियां आयोजित की गई इसी के परिणाम स्वरूप प्रमुख तीन पिटक का लेखन किया गया है।
विनय पिटक
सुत्त पिटक
अभिधम्म पिटक
इन तीनों पिटको को त्रिपिटक कहा जाता है। सभी को पाली भाषा में लिखा गया है।
बौद्ध संगीतियां या सभाएं ?
- प्रथम बौद्ध संगीति 483 ईसवी पूर्व राजगृह में हुआ था, प्रथम बौद्ध संगीति की अध्यक्षता महाकश्यप के द्वारा की गई थी तथा उस समय अजातशत्रु का शासन काल था।
- द्वितीय बौद्ध संगति 383 ईसवी पूर्व वैशाली में हुआ था तथा इसकी अध्यक्षता सबाकामी ने किया था यह संगे कलशोक के शासनकाल में हुई थी।
- तृतीय बौद्ध संगीति 255 ईसवी पूर्व पाटलिपुत्र में हुआ था और इसकी अध्यक्षता मोगलिपुत्त तिस्स किया था और इस समय अशोक का शासन काल था।
- चतुर्थ बौद्ध संगीति प्रथम शताब्दी में कुंडलवन कश्मीर में हुआ था और इसकी अध्यक्षता वासुमित्र ने किया था और उसे समय कनिष्क का शासन काल था।
निष्कर्ष ( Conclusion )
आशा करते हैं, आप सभी को बौद्ध धर्म से संबंधित जो भी जानकारी लेनी होगी। वो सारी चीजे लगभग जान चुके होंगे। ऐसे ही अन्य तत्वों की जानकारी के लिए आप हमारे साथ जुड़े रहिए और अपने दोस्तों को यह जानकारी जरूर साझा करें तब तक के लिए आप अपना ध्यान रखिए।
धन्यवाद!